Wednesday, May 30, 2018



SREE

30.5.2018

My Dearest Respected Son-in-law Govind Kamble,

Mummy kaafi dinon se soch rahi hai aapko ek baar tho life mein chitti likhna chaahiye.

Ideatha. Govind apna ghar mein hamare beti ko shaadi karke son-in-law hogaya . 40 years ho
Jaayega coming April mein . Warm Welcome. Itni badi khushi ka khabar hai.  Flash back think
karo tho sab dream ka jaisa hota hai. Mummy, Ajay, Dadi bahut bahut anand mein hai. Abhi
apne bachelog paripoorna parivar hogaye. Bahut khushi mein hai. 

Mummy ko abhi socho tho
aashcharya hota hai mind mein , so much pleasant bhi hota hai . Kaise aapko appreciation
karega samajh mein nahin aatha. Excellent opportunity. Abhi mummy bhi very old age hogaya .

Ajay bhi shaadi hokar 35 years hogaya . Unka family bahut khushi mein hai. Aap log ka shaadi
Ka shaadi before mummy daddy ko chintha tha. Apne bache bhi good family life settle hona
Chaahiye bolke bahut dil (mind) mein tha. Apna daady (father in law) fullfill kar diya.

Ithni badi khushi khabar . I am proud of very lucky old woman. Mummy ka taraf se apne bache
Log , dearest grand children, everybody heartiest blessings. Always healthy, wealthy hona
Chaahiye. Take care. God Bless you.  



Your dearest Mother in law
Mummy – Annam K.





Wednesday, May 16, 2018


https://khabar.ndtv.com/news/zara-hatke/transgenders-koovagam-festival-concluded-on-2-may-1847217





ये हैं वो किन्नर जो एक रात की सुहागन बनने के बाद उजाड़ लेते हैं मांग

तमिलनाडु का कूवगम गांव किन्नरों का तीर्थ स्थल माना जाता है. हर साल यहां कूवगम फेस्टिवल मनाया जाता है. इस साल भी 2 मई को कूवगम फेस्टिवल खत्म हुआ.

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ये हैं वो किन्नर जो एक रात की सुहागन बनने के बाद उजाड़ लेते हैं मांग
तमिलनाडु का कूवगम गांव ट्रांसजेंडर्स का तीर्थ स्थल माना जाता है.
किन्‍नर एक ऐसा समाज है जिसके बारे में लोग बात करना भी पसंद नहीं करते. उनसे जुड़े कई ऐसे फैक्ट्स हैं जो शायद ही किसी को पता हों. तमिलनाडु का कूवगम गांव ट्रांसजेंडर्स का तीर्थ स्थल जाता है. हर साल यहां कूवगम फेस्टिवल मनाया जाता है. इस साल भी 2 मई को कूवगम फेस्टिवल खत्म हुआ. यहां देश भर के ट्रांसजेंडर्स पहुंचे थे. यहां कई तरह के इवेंट होते हैं. ये त्योहार 18 दिन तक चलता है. उत्सव के दौरान ट्रांसजेंडर्स हर रात अर्जुन के पुत्र अरावन की पूजा करने मंदिर जाते हैं.

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transgenders koovagam festival

18 दिन तक चलने वाले इस त्योहार में मिस कूवगम ब्यूटी कॉन्टेस्ट होता है. इस दिन महाभारत के उस अध्‍याय का मंचन किया जाता है जब भगवान कृष्ण ने मोहिनी का रूप धारण कर अर्जुन के बेटे अरावन से शादी की थी. त्योहार के आखिरी दिन सभी किन्‍नर अरावन से एक रात के लिए शादी करते हैं. अगले दिन अरावन की मूर्ति को कूवगम में घुमाया जाता है और नष्ट कर दिया जाता है.

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शादी के दिन सभी किन्‍नर अरावन के नाम का मंगलसूत्र धारण करते हैं और दुल्हन की तरह तैयार होते हैं. इस दिन जमकर नाच गाना होता है. अगले ही दिन इन्हें विधवा कर दिया जाता है. फिर मातम भी मनाया जाता है. मंगलसूत्र को हासिए से काट दिया जाता है और चूड़ियों को नारियल से तोड़ दिया जाता है.

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transgenders koovagam festival

मिस कूवगम कॉन्टेस्ट बिलकुल उसी तरह किया जाता है जैसे मिस इंडिया का कॉन्टेस्ट होता है. जीतने वाले किन्‍नर को बहुत इज्जत दी जाती है. इस त्योहार को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पूरे कार्यक्रम का आयोजन होता हे.